परायों को भी अपनों से जोडती है हिन्दी

परायों को भी अपनों से जोडती है हिन्दी 


भारत की एक लाड़ली बेटी है हिन्दी।
उत्तर दक्षिण को साथ लेकर चलती है हिन्दी।

न किसी भाषा से बैर करती हिन्दी
अंग्रेजी को भी अपनेपन से लुभाती है हिन्दी।

अपनों को अपनों से तो क्या
परायों को भी अपनों से जोडती है हिन्दी 

मीरा की भक्ति व तुलसी के प्रेम  में है हिन्दी
सहनशीलता और सार्वभौमिकता का पाठ पढ़ाती है हिन्दी

साहित्यकारों और कवियों की गाथा है हिन्दी
राष्ट्र का गौरव ओर भारत माता की लाडली है हिन्दी

पढ़ने पढ़ाने में सहज सुगम है, हिन्दी
गूगल, फेसबुक, व्हाट्सअप और साहित्य का सागर है हिन्दी

वंदनीय मां-सम और राष्ट्र भाषा है हिन्दी 
भारत के मोदीजी  की अमेरिका में भी लाडली रही  हिन्दी
मेरे लिए मेरी आन व शान है हिन्दी




मनोज दुबे
अभियांत्रिकी सहायक
दूरदर्शन केंद्र भोपाल